दुनियाभर से कोरोना की इस संकट की घड़ी में चौतरफा आलोचना से घिरा चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाकर अब Taiwan से लेकर Hong Kong और लद्दाख सीमा पर तनाव का वातावरण बनाने वाले चीन को एक और जोरदार झटका लगा है। ऑस्ट्रेलिया , भारत के पक्ष में खुलकर आ गया है। ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फ्रेल ने एक सवाल के जवाब में सोमवार को चीन पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि कुछ देश अपनी सीमा से बाहर के क्षेत्र में जबर्दस्ती दखल देते हुए अनावश्यक तनाव को बढ़ावा दे रहे हैं, जो कि स्वीकार्य नहीं है। बैरी ओ फ्रेल ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और मुक्त रखना भारत और ऑस्ट्रेलिया की जिम्मेदारी है।
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ताइवान से लेकर पूर्वी लद्दाख में चीन द्वारा तनाव की स्थिति पैदा किए जाने के सवाल पर बैरी ओ फ्रेल ने कहा कि “भारत और ऑस्टेलिया दोनों लोकतांत्रिक देश हैं। दोनों देशों में क्रिकेट बहुत लोकप्रिय और दोनों देश इंडो-पैसिफिक रीजन (हिंद-प्रशांत क्षेत्र) को स्वतंत्र और मुक्त रखना चाहते हैं। दोनों देश इस क्षेत्र को मुक्त और स्वतंत्र रखने के लिए बाध्य हैं। जबर्दस्ती दखल देना सही सही नीति नहीं है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के मजबूत संबंधों पर उन्होंने कहा कि एक जैसी मानसिकता वाले दो लोकतांत्रिक देशों का मिलकर काम करना बहुत महत्वपूर्ण है। बैरी ओ फ्रेल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता दिए जाने की वकालत की। चीन के गतिरोध पर उन्होंने कहा, “भारत और चीन को द्विपक्षीय वार्ता के जरिये मुद्दे को सुलझाना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया या किसी अन्य देश को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।”
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