सरकार के द्वारा Coronavirus के खिलाफ बचाव के लिए हर तरह की जरुरी मेडिकल सामानों के आपूर्ति को सुचारु ढंग से बनाये रखने के लिए कई तरह के प्रयास जारी है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इसे रोकने की हर संभव कोशिश कर रही है। Coronavirus को रोकने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। Coronavirus के संक्रमण को रोकने के लिए देश में इस वक्त लोग बड़े पैमाने पर मास्क, सैनिटाइजर और दस्ताने का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में इन सामानों की बिक्री काफी बढ़ी है।
इस बीच सरकार द्वारा पीपीई, वेंटिलेटर, टेस्ट किट और सैनिटाइटर्स जैसी वस्तुओं के लिए किसी पर GST में छूट की संभावना नहीं है, क्योंकि इससे चीन से ‘उप-मानक आयात’ को बढ़ावा मिल सकता है। सरकार द्वारा इस लिए भी वेंटिलेटर, पीपीई, मास्क, टेस्ट किट और सैनिटाइटर जैसी मेडिकल वस्तुओं पर GST से छूट नहीं है, क्योंकि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विनिर्माण लागत में वृद्धि होगी और परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं के लिए कीमत बढ़ जाएगी। वेंटिलेटर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE), मास्क, टेस्ट किट और सैनिटाइजर जैसे कुछ वस्तुओं पर GST से छूट के लिए कुछ वर्गों से मांग की गई है कि COVID-19 के उपचार के लिए ये आवश्यक वस्तुएं हैं। इनका कहना है कि इन वस्तुओं पर जीएसटी छूट से कीमतों में कमी आएगी।
वर्तमान में, वेंटिलेटर पर GST दर 12 प्रतिशत है; मास्क पर GST दर 5 प्रतिशत है; परीक्षण किट पर GST दर 12 प्रतिशत है; सैनिटाइज़र पर GST दर 18 प्रतिशत है; और पीपीई पर GST दर 5 प्रतिशत (1,000 रुपये तक की लागत) और 12 प्रतिशत (यदि लागत 1,000 रुपये प्रति पीपीई से ज्यादा है)। सरकार के सूत्रों ये तब स्पष्ट किया है जब, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ट्विटर पर इस मुद्दे को उठाया गया की ऐसे लोगों से GST वसूलना गलत है जो गरीबी और बीमारी से जूझ रहे है। इसके विपरीत, सूत्रों ने कहा, GST छूट से कीमतों में गिरावट आएगी और घरेलू निर्माताओं के लिए कठिनाई और परेशानिया पैदा होगी, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से घरेलू आपूर्ति पर आयात को बढ़ावा मिलेगा, खासकर पीपीई में जहां GST छूट के कारण कठिनाई घरेलू इकाइयों के लिए “गंभीर” होगी क्योंकि आइटम पर मूल सीमा शुल्क 30 सितंबर, 2020 तक शून्य है।
सरकार ने कहा,“हालिया अनुभव बताता है कि उप-मानक गुणवत्ता वाले सामान चीन द्वारा भारत और दुनिया में निर्यात किए जाते हैं। इसलिए, घरेलू इकाइयों की लागत पर GST की कटौती से आयात को प्रोत्साहित करना एक अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है। ऐसी वस्तुओं पर GST छूट से उद्योग के हित को खतरा होगा और उपभोक्ता को कोई महत्वपूर्ण लाभ नहीं होगा, उन्होंने कहा कि अतीत में, सैनिटरी नैपकिन पर GST छूट से घरेलू निर्माताओं के लिए इसी तरह की स्थिति पैदा हुई है।