दुनियाभर में तेजी के साथ फैल रहे घातक Coronavirus ने वैश्विक अर्थव्यस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इससे भारत समेत दुनिया के कई शीर्ष देशों को अरबों का नुकसान हुआ है। Coronavirus के संक्रमण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ने की आशंका है। आर्थिक रिसर्च एजेंसी डन एंड ब्रैडस्ट्रीट की एक ताजा रिपोर्ट में ये बताया गया है कि Coronavirus के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत में किए गए 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन से कई सेक्टरों के कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इन सेक्टरों में मैन्यूफैक्चरिंग, पेट्रोलियम ऑयल, फाइनेंशियल व कई अन्य क्षेत्र शामिल हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनो वायरस के कारण भारत के व्यापार पर लगभग 348 मिलियन डॉलर का असर पड़ने का अनुमान है।
हल के रिपोर्ट के अनुसार, Corona के चलते दुनियाभर में सबसे अधिक नुकसान चीन को उठाना पर सकता है। चीन की वैश्विक निर्यात पर 50 बिलियन डॉलर की कमी आने का अनुमान है। Corona से सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों में मशीनरी, मोटर वाहन और संचार उपकरण शामिल हैं। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने बताया है कि Corona का विकासशील एशियाई अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर होने वाला है। सीआईआई के अनुसार, चीन भारत के शीर्ष 20 सामानों का 43% आयात करता है। इसमें मोबाइल हैंडसेट 7.2 अरब डॉलर, उर्वरक का आयात 1.5 अरब डॉलर तथा कम्प्यूटर और पार्ट्स 3 अरब डॉलर का होता है। Corona के चलते चीन की अर्थव्यवस्था के बुरी तरह से प्रभावित होने से भारत पर इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा।
ताजा आर्थिक अनुमान के मुताबिक देश के मंदी में फंसने और कई कंपनियों के दिवालिया होने की आशंका बहुत बढ़ गई है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा बढ़ गया है और भारत इससे अपने को अलग-थलग नहीं रख सकता है। एजेंसी के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि चीन के साथ ही दुनियाभर के कई मैन्यूफैक्चरिंग हब्स भी लॉकडाउन से गुजर रहे हैं। इसलिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के खराब होने और वैश्विक विकास दर घटने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। भारत के आर्थिक विकास के बारे में सिंह ने कहा कि 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण भारत की विकास दर में अभी और गिरावट आ सकती है। 2019-20 में यह 5 फीसदी के हमारे पुराने अनुमान से भी नीचे गिर सकती है इसके साथ ही अगले कारोबारी साल की विकास दर के बारे में भी अनुमान लगाना कठिन है। रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन और कारोबारी गतिविधियों पर पाबंदी के कारण मार्च 2020 के बाद वैश्विक और घरेलू विकास दर प्रभावित हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2020 में औद्योगिक विकास दर 4-4.5 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान है।
Coronavirus के चलते आने वाले जिने सेक्टरों में सबसे अधिक मार पड़ने वाली है उनमें विमानन क्षेत्र से लेकर पर्यटन उद्योग से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं। इनमें बड़े पैमाने पर नौकरियां जा सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार आने वाले दिनों में Coronavirus के चलते दुनिया भर में 2.5 करोड़ लोगों की नौकरियां छिन जाने का खतरा है। Coronavirus संक्रमण का फैलाव किस हद तक बढ़ेगा इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है इसलिए विकास दर का सटीक अनुमान लगाना कठिन है और अनुमान में बदलाव करना पड़ सकता है। साल 2008 के संकट के दौरान ग्लोबल स्तर पर बेरोजगारी बढ़कर 220 लाख के करीब हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी बढ़ने की वजह Coronavirus के चलते काम के घंटों और आदमनी में कटौती है। इससे चलते बड़े पैमाने पर बेरोजगारी दर बढ़ने की आशंका जाहिर की गई है।