Coronavirus (कोविड-19) संक्रमण के हालात को देखते हुए Coronavirus से लॉकडाउन के बीच सरकार ने छोटे आयकरदाता व्यक्तियों और व्यापारिक संस्थानों को बड़ी राहत दी है। Coronavirus महामारी के दौरान लोगों को आर्थिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए सरकार लगातार नए-नए एलान कर रही है। देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे देशवासियों और कारोबारियों को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने आयकर विभाग से तुरंत 5 लाख रुपये तक के टैक्स रिफंड को जारी करने का आदेश दिया है। जिसका देश के 14 लाख टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। वित्त मंत्रालय के बुधवार के एक बयान के मुताबिक सरकार ने निर्णय लिया है कि पांच लाख रुपये तक के लंबित इनकम टैक्स रिफंड का तुरंत भुगतान किया जाएगा। इस तरह से कुल करीब 18 हजार करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए जाएंगे। सरकार के इस फैसले से करीब 14 लाख करदाताओं को फायदा होगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से करदाताओं को तुरंत रिफंड मिलेगा और उन्हें नकदी की दिक्कत नहीं होगी।
नियम के अनुसार रिफंड मिलने में दो महीने तक का वक्त लग जाता है क्योंकि टैक्स रिटर्न फाइल होने के बाद आयकर विभाग ई-वेरिफिकेशन करता है, और फिर रिफंड की प्रक्रिया शुरू होती है। हालांकि, कुछ विशेष मामलों में लोगों को 15 दिनों में भी रिफंड मिल जाता है। Coronavirus के चलते लॉकडाउन झेल रहे देशवासियों के लिए केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है कि सभी कारोबारी संस्थाओं और टैक्सपेयर्स को उनके 5 लाख रुपये तक के बकाया रिफंड तुरंत जारी कर दिए जाएं। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने सभी लंबित जीएसटी और कस्टम रिफंड जारी करने का भी निर्णय लिया गया है। इसका फायदा स्मॉल और मीडियम बिजनेस यानी MSME सहित लगभग 1 लाख कारोबारी संस्थाओं को मिलेगा। इस प्रकार वित्त मंत्रालय के इस आदेश के बाद सरकार की ओर से आयकर विभाग करीब 18,000 करोड़ रुपये के रिफंड जारी करेगा।
बीते महीने भी Coronavirus के कारण इस समय सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए कुछ बड़े कदम उठाये थे। जिसके तहत आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई।
इसके अलावा करदाताओं को दी गई अन्य राहतों में स्रोत पर कर कटौती, यानी TDS पर ब्याज को 18 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी कर दिया गया है, तथा रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर लिए जाने वाले 12 फीसदी चार्ज को भी 9 फीसदी कर दिया गया है। आयकर देने वाले टैक्सपेयर्स को रिफंड लेने के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है। कारोबारी साल खत्म होने के बाद तय तारीख से पहले लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है।
अगर उनकी तयशुदा टैक्स देनदारी से ज्यादा टैक्स काटा गया होता है तो आयकर विभाग इसको जांचकर बाकी बचा टैक्स रिफंड लोगों को वापस कर देता है।