सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने शनिवार को जनता को सचेत किया कहा कि एमएसएमई का निर्यात संवर्धन परिषद नाम का संगठन किसी भी प्रकार से उसके साथ जुड़ा नहीं है. मंत्रालय ने लोगों से कहा कि वे परिषद की अनाधिकृत और दूषित उद्देश्य वाली गतिविधियों के झांसे में नहीं आएं. मंत्रालय ने कहा, यह देखा गया है कि एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद के द्वारा ‘निदेशक’ के पद पर नियुक्ति पत्र जारी करने के संबंध में कुछ संदेश मीडिया और सोशल मीडिया में प्रसारित किये जा रहे हैं.
यह भी पाया गया है कि यह संगठन एमएसएमई मंत्रालय के नाम का उपयोग कर रहा है. एमएसएमई मंत्रालय ने संगठन की ओर से खुद को मंत्रालय का हिस्सा बताते हुए की झांसे वाले कामों में लगे होने का सज्ञान लेते हुए इस संबंध में एक स्पष्टीकरण जारी किया और जनता को इस बारे में सतर्क किया है. आधिकारिक बयान में कहा गया, ’’अत: स्पष्ट किया जाता है कि एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के साथ किसी भी तरह से संबद्ध नहीं है. इसके अलावा, एमएसएमई मंत्रालय ने इस परिषद से संबंधित किसी भी पद पर नियुक्ति के लिये अधिकृत नहीं किया है.’’
बयान में कहा गया कि इस तरह के संदेशों या ऐसे तत्वों के शिकार न होने की सलाह दी जाती है. हालांकि, अपनी वेबसाइट पर एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद ने स्पष्ट किया है कि वह एक निजी कंपनी है, जो परर्मार्थ उद्देश्य के लिये बनायी गयी है.
ये भी पढ़ें:- NEET Results 2020: ओडिशा के शोएब और दिल्ली की आकांक्षा ने NEET में किया टॉप, 720 में 720 पाकर रचा इतिहास