भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बना हुआ है। चीन के साथ पिछले कई दिनों से तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत ने चीन से लगी सीमा पर अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए अमेरिका से खरीदे गए चिनूक हेलीकॉप्टर को अग्रिम इलाकों में उतारा है। इस बीच सेना की तरफ से लगातार अपनी क्षमता में भी इजाफा किया जा रहा है। चीन से लगने वाली सीमा सहित दूरदराज के इलाकों में सैनिकों तथा मशीनों की शीघ्र ले जाने और अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय वायुसेना ने एक अहम फैसला लिया है। वायुसेना ने असम के मोहनबारी एयरबेस पर अत्याधुनिक अमेरिकी हथियार चिनूक हेलीकॉप्टर को तैनात कर दिया है। चिनूक की खासियत यह है कि यह हजारों किलो की तोप को भी आसानी से उठा सकता है। इस भारी भरकम हेलिकॉप्टर को हाल ही में उत्तर-पूर्व में शामिल किया गया था और इसका उपयोग निकट भविष्य में वजनी चीजों को ढोने और सैनिकों के स्थानांतरण के लिए किया जाएगा।
There goes Chinook Helicopter of @IAF_MCC carrying 83 quintals of essential commodities for remote Vijoynagar in Changlang dist from Miao today. Thankfully weather cleared enabling essential items to be delivered to the needy in this pandemic, completing day’s task in 2 sorties. pic.twitter.com/8xKlfp1zQh
— Pema Khandu (@PemaKhanduBJP) May 28, 2020
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सूत्रों ने कहा कि गुरुवार को चिनूक पहली बार अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर सेक्टर में ऑपरेशन के लिए तैनात किए गए थे, जहां उन्होंने तीन हिस्सों से म्यांमार से घिरे राज्य के सबसे दूरस्थ हिस्से के लिए 8.3 टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की थी। जल्द ही इसे सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और अन्य आस-पास के इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैनात किया जाएगा। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने विजयनगर में नागरिकों के लिए खाद्य आपूर्ति के साथ हेलिकॉप्टर उतारने का एक वीडियो भी ट्वीट किया। चिनूक वही हेलीकॉप्टर है जो आतंकी ओसामा बिन लादेन के खात्मे के लिए चलाए गए ऑपरेशन में शामिल था। रात के अंधेरे में एबटाबाद में मौजूद ओसामा बिन लादेन को ढेर करने के लिए सी हॉक हेलीकॉप्टर पर सवाल होकर अमेरिका के सील कमांडो पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए थे।
वायु सेना को लगता है कि चिनूक, 20,000 फीट की उंचाई पर आसानी से पहुंच सकता है। जो हेली-लिफ्ट संचालन को फिर से परिभाषित करेगा। जिसमें सैनिकों को एक घाटी से दूसरी घाटी में पहुंचाने काम, सीमा पर तोपों की ढुलाई और सीमा सड़क संगठन के लिए भारी मशीनें उपलब्ध कराना शामिल है। चिनूक दूर-दराज के संकट प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
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