सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने की चाहत रखने वाले आम नागरिकों के लिए खुशखबरी है। भारतीय सेना आम नागरिकों को भी सेना की ड्यूटी करने का मौका दे सकती है। सेना आम भारतीयों के लिए तीन साल की ‘टूअर ऑफ ड्यूटी’ के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो गया तो यह देश के इतिहास का एक बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा। भारतीय सेना आम नागरिकों के तीन साल के लिए सेना में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का अध्ययन कर रही है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस समय सेना शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत युवाओं को 10 साल के आरंभिक कार्यकाल के लिए भर्ती करती है। समाचार एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया, “एक प्रस्ताव पर चर्चा की जा रही है जिसके तहत आम नागरिकों (Normal Citizens) को राष्ट्र की सेवा करने के लिए तीन साल की टूर ड्यूटी की अनुमति दी जाएगी।” पूर्व की परिस्थितियों में एक प्रमुख बदलाव करते हुए, भारतीय सेना तीन साल के लिए ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ (Tour of Duty) के लिए आम नागरिकों को अपनी संस्था में शामिल होने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अगर सबकुछ सही रहा तो जल्द ही इसका ऐलान किया जा सकता है। प्रस्ताव के तहत टूर ऑफ ड्यूटी के तहत चयनित होने वाले उम्मीदवार को तीन साल तक सेना में सर्विस करनी होगी। प्रस्ताव के बारे में अधिक जानकारी आना अभी बाकी है।
भारतीय सेना देश के बेस्ट टैलंट को अपनी कुनबे में शामिल करना चाहती है। इस प्रस्ताव से सेना का यह मकसद हासिल करने में आसानी होगी। मौजूदा वक्त में शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए सेना जॉइन करने वालों को कम-से-कम 10 वर्ष की नौकरी करनी होती है। सेना में इससे कम अवधि की ड्यूटी का प्रावधान अभी नहीं है। इस योजना के तहत सेना देश के प्रतिभाशाली युवाओं को आकर्षित करना चाहती है। इस योजना के जरिए वे युवा भी सेना में शामिल हो सकेंगे, जो किसी कारण पहले ज्वाइन नहीं कर पाए थे। भारतीय सेना में अभी अच्छे अधिकारियों की काफी कमी है। सेना इस योजना के तहत इस कमी को पूरा करना चाहती है। सूत्रों ने बताया कि उक्त प्रस्ताव 13 लाख अधिकारियों और जवानों वाली थलसेना में सुधार के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव की व्यापक रूपरेखा को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।सूत्रों ने कहा कि युवाओं के लिए इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए बल के शीर्ष अधिकारियों (Top brass officers) द्वारा लघु सेवा आयोग की समीक्षा भी की जा रही है। भारतीय सेना पिछले कई वर्षों से अधिकारियों की कमी का सामना कर रही है और जल्द से जल्द इसे दूर करना चाहती है।
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