देशभर में कोरोना टीकाकरण का अभियान चालू है. अभियान के पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया गया था. नालंदा मेडिकल कॉलेज के फाइनल ईयर के एक मेडिकल स्टूडेंट की कोविड वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना से मौत हो गई है. सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार लगाई जा रही वैक्सीन एकदम सुरक्षित हैं. लेकिन मेडिकल कॉलेज के एक छात्र की वैक्सीन लगने के 22 दिन बाद कोरोना से मौत होने की रिपोर्ट सामने आई है. नालंदा मेडिकल कॉलेज के ओल्ड ब्याज हाॅस्टल में रहने वाले कोरोना संक्रमित एमबीबीएस 2016 बैच के एक छात्र की मौत हो गयी है. इतना ही नहीं उक्त छात्रावास में रहने वाले चार और छात्र भी संक्रमित पाये गये हैं. मामला प्रकाश में आने के बाद मंगलवार को कॉलेज में हड़कंप की स्थिति बन गयी.
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विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा टीके की दोनों खुराक लेने के 14 दिन बाद पैदा होती है. दूसरा टीका पहले टीका लेने के 28 दिन बाद लगाया जाता है. शुभेंदु सुमन ने 22 दिनों पहले ही वैक्सीन ली थी. उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में वैक्सीन ली थी लेकिन 25 फरवरी को वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद वो अपने घर बेगुसराय चले गए, जहां 27 फरवरी को उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन सोमवार की शाम उनका निधन हो गया. 23 साल के शुभेंदु सुमन की मौत बेगूसराय में हुई जबकि उन्होंने 22 दिन पहले Covaxin का पहला डोज लिया था. अब इस मेडिकल कॉलेज के सभी छात्रों का RT-PCR टेस्ट कराया जा रहा है. इस अस्पताल में अब तक 15 छात्र पॉजिटिव आ चुके हैं और इनमें से बहुत सारे छात्रों ने कुछ हफ्ते पहले ही वैक्सीन की पहली डोज ली थी. एनएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ हीरालाल महतो ने कहा कि उन्हें मंगलवार को छात्र की मौत के बारे में पता चला। प्रिंसीपल ने कहा कि उन्होंने पूरे अस्पताल और छात्रावास के सैनेटाइजेशन का आदेश दिया था
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