सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना फलदायी होता है।
पिछले एक महीने से चले आ रहे वैशाख स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्ण आहूति वैशाख पूर्णिमा के दिन दी जाती है।
मान्यता है कि इसी दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध (Mahatma Buddha) ने जन्म लिया था। वहीं, हिन्दू धर्म में बुद्ध (Buddha) को श्री हरि विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन उन्हें बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई, तभी से यह दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। भगवान बुद्ध के उपदेश आज भी दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
दुनिया में जारी कोरोना वायरस के कहर के खिलाफ फ्रंटफुट पर लड़ाई लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स का आज दुनिया सम्मान कर रही है।इसी के तहत आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर एक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें दुनिया के कई बड़े नेता शामिल हुए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम बोले कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को सेवा करने का संदेश दिया है।दुनिया में कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण बुद्ध पूर्णिमा समारोह एक वर्चुअल वेसाक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह आयोजन कोविड-19 के पीड़ितों और फंट्रलाइन वारियर्स, जैसे मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर और पुलिसकर्मी व अन्य के सम्मान में आयोजित किया जा रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आज देश को संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम ने कहा कि हताशा और निराशा के दौर में भगवान बुद्ध की सीख और ज्यादा प्रासंगिक हो जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण वह तकनीक के माध्यम से जुड़ रहे हैं। पीएम ने कहा कि दुनिया मुश्किल वक्त से गुजर रही है और ऐसे वक्त में बुद्ध की संदेश से प्रेरणा लेकर भारत दुनिया की मदद कर रहा है।पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है। कई बार दुख का भाव जब बहुत ज्यादा दिखता है तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है।बुद्ध का एक-एक वचन मानवता की सेवा में भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। इसी आत्मबोध के साथ भारत पूरी मानवता के लिए और विश्व के लिए काम कर रहा है और करता रहेगा। भारत की प्रगति विश्व की प्रगति में शामिल होगी।
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