राज्यसभा के आठ सांसद कृषि बिल के विरोध में अमर्यादित व्यवहार को लेकर निलंबन झेल रहे हैं. इनमें से एक हैं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह. एक इंटरव्यू में दिए बयान में संजय सिंह ने मन की वो सदन में टेबल पर चढ़ गए और माइक तोड़ दिया. संजय सिंह ने अमर्यादित व्यवहार की बात स्वीकार की है. संजय सिंह का कहना है कि उन्होंने ऐसा लोकतंत्र बचाने के लिए किया है. उनका कहना है सरकार को इस बिल के लिए माफी मांगनी चाहिए. सरकार लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है.
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राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कहना है कि अपने अभद्र व्यवहार को लेकर किसी भी सांसद ने माफी नहीं मांगी है. अगर संसद माफ़ी मांगे तो उस पर विचार किआ जा सकता है. संजय सिंह ने कहा-अगर सरकार लोकतंत्र का गला घोंटती रहेगी और संविधान के लिए कोई सम्मान नहीं प्रदर्शित करेगी तो हम आखिर क्या कर सकते हैं? हम लोग जो अधिकतम कर सकते थे, वो हमने किया है. अब हम बस किसानों की आंखों में देख कर कह सकते हैं कि जितना विरोध हो सके, उतना कीजिए. संजय सिंह का कहना है कि सांसद दिमागी रूप से कमजोर या पागल नहीं हैं. वो देश की संसद के प्रति उत्तरदायी हैं. विपक्षी सांसदों का कहना था कि बिल पर वोटिंग होनी चाहिए लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी. सांसद इंतजार कर रहे हैं कि सरकार न्याय करेगी और सदन को संविधान और कानून के हिसाब से चलाएगी. दरअसल सरकार को शर्मसार होना चाहिए और इस बिल को लेकर देश के किसानों से माफी मांगनी चाहिए.
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